“आरम्भ से अर्जुन” के द्वारा ज्योतिषशास्त्र का महत्वपूर्ण संदेश है कि प्रेम और रिश्तों का मामूला नहीं है, बल्कि यह आकाशीय प्लेनट्स और नक्षत्रों के प्रभाव में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ज्योतिषशास्त्र का मानना है कि हमारे जन्म के समय आकाश में चल रहे ग्रहों की स्थितियों और कौन जिन ग्रहों की दशा में होते हैं, वे सभी हमारे प्रेम और रिश्तों पर प्रभाव डालते हैं।
प्रेम और रिश्तों के मामले में ज्योतिषशास्त्र का आद्यात्मिक दृष्टिकोण भी होता है। यह विज्ञान हमें हमारे आत्मा के साथी के साथ कैसे संबंध बना सकते हैं और हमारे साथी के साथ सांजीवनीकरण की दिशा में मदद करता है। यह हमें सांजीवनीकरण के प्रक्रिया में सहयोग कर सकता है और हमारे संबंधों को अधिक सार्थक और गहरा बना सकता है।